बासमती बाजार में फिर से तेजी की लहर, आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं भाव

बासमती चावल और धान के बाजार में एक बार फिर तेजी का माहौल बनता दिख रहा है। बीते कुछ दिनों में बासमती धान और चावल की कीमतों में 500 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़त दर्ज की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तेजी के पीछे प्रमुख कारण घरेलू और निर्यात बाजारों से आई मजबूत मांग है। बाजार सूत्रों का कहना है कि नई फसल आने में अभी समय है और उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में साठी धान की बिजाई के लिए मौसम भी अनुकूल नहीं है। साथ ही, बीते वर्ष भाव टूटने के कारण बड़ी संख्या में किसानों ने साठी धान की बुवाई से किनारा कर लिया है। कुछ इलाकों में साठी धान की बुवाई पर प्रतिबंध भी लगाया गया है, जिससे भविष्य में आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चावल की कीमतें प्रतिस्पर्धी बनी हुई हैं, जिससे निर्यात में सुधार की उम्मीद है। इस कारण, चावल के दाम में हालिया गिरावट के बाद फिर से 200-300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़त आने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में 1718 सेला बासमती चावल 5950-6000 रुपये प्रति क्विंटल और स्टीम बासमती 6700-6800 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार कर रहा है। जबकि 1509 सेला की ग्राहकी 5500-5600 रुपये से कम में नहीं हो रही है। बाजार जानकारों का मानना है कि यह भाव अभी भी बीते सालों की तुलना में कम हैं, लेकिन स्टॉक की कमी और मांग की मजबूती को देखते हुए आगे और बढ़त की पूरी संभावना है। बाजार विशेषज्ञों का सुझाव है कि जिन किसानों और व्यापारियों के पास धान या चावल का स्टॉक है, वे बाजार की चाल पर नजर रखते हुए फिलहाल माल होल्ड करें। हालांकि, साठी धान की आवक के ठीक पहले, कुछ मुनाफा लेकर माल निकालना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। यदि बाजार में लंबी गिरावट या ठहराव देखने को मिले तो स्थिति के अनुसार निर्णय लें। बासमती चावल के बाजार में फिलहाल सकारात्मक संकेत हैं। मांग में बढ़ोतरी, सीमित स्टॉक और नई फसल की अनिश्चितता ने बाजार में मजबूती का माहौल बना रखा है। व्यापार विवेक और सतर्कता से करें।

Insert title here