सरसों बाजार अपडेट

स्टॉक स्थिति: इस सीजन में अब तक सरसों की आवक 50.25 लाख टन तक पहुंच चुकी है, जबकि पेराई की गतिविधि स्थिर बनी हुई है और अब तक लगभग 35 लाख टन सरसों की पेराई की जा चुकी है। किसानों के पास वर्तमान में लगभग 60 लाख टन सरसों का भंडार है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 2.5% अधिक है। हालांकि, प्रोसेसर और स्टॉकिस्ट्स के पास स्टॉक 26% कम है, जिससे व्यापार चेन में तंगी का संकेत मिल रहा है। इसके अलावा, सरकारी खरीद में भी भारी गिरावट देखी गई है � जून की शुरुआत तक सरकारी एजेंसियों के पास केवल 15.5 लाख टन सरसों का भंडार है, जो पिछले साल की तुलना में 42.59% की तेज गिरावट को दर्शाता है। तेल और खल बाजार: हाल ही में सरसों खल की कीमतों में ₹25�₹30 प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है, जिसका कारण वैश्विक बाजार की धाराएं हैं। कनाडा से आयात पर ऊँचे शुल्क के चलते चीन ने उरुग्वे से रेपसीड खल के आयात को मंजूरी दी है, जिससे निकट भविष्य में भारतीय रेपसीड खल के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसी बीच, सोयाबीन और पाम तेल की कीमतों में लगातार गिरावट ने सरसों तेल के साथ कीमतों का अंतर बढ़ा दिया है, जिससे ऊंचे स्तर पर सरसों तेल की मांग पर असर पड़ा है। कम पेराई के चलते सरसों तेल की उपलब्धता भी घटी है, जिससे बड़े बाजारों में कीमतों में बड़ी गिरावट नहीं आ पाई है। कीमतें और भविष्य की दृष्टि: सरसों की कीमतों में तेजी का दौर अब चरम पर पहुंच चुका है, लेकिन सीमित स्टॉक और मजबूत मौलिक आधार कीमतों को लंबे समय तक सहारा दे सकते हैं। वर्तमान में जयपुर में सरसों की कीमतें ₹6,850 के प्रतिरोध स्तर के पास बनी हुई हैं, और जून-जुलाई के दौरान ₹150�₹200 के उतार-चढ़ाव की संभावना जताई जा रही है।

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