दाल बाजार रिपोर्ट
मसूर मसूर की उत्पादकता मुरगांवली, गंज बासौदा, सागर, भोपाल और बीनागंज जैसे क्षेत्रों में घट गई है। इसके कारण मंडियों में आवक पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम हो रही है। हाल ही में बिल्टी व्यापार में मसूर के भाव ₹6550-₹6575 प्रति क्विंटल तक गिर गए थे, लेकिन अब भावों में मजबूती देखी जा रही है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और बिहार में बिजाई भी कम हुई थी, और मध्य प्रदेश में बिजाई के अनुपात में आवक नहीं हो रही है। वैश्विक स्तर पर भी कनाडा में मसूर के भाव इस सप्ताह $14-$15 प्रति टन तक बढ़ गए हैं, जिससे बाजार को मजबूती मिल रही है। इस बार घरेलू उत्पादन का अनुमान 16.5 लाख मीट्रिक टन का है, जबकि खपत 28 लाख मीट्रिक टन की है। उड़द देशी उड़द की आपूर्ति लगभग समाप्त हो चुकी है। आगामी चार दिनों में शादियों का सीजन फिर से बंद होने जा रहा है, जिससे प्रीमियम क्वालिटी की उड़द की मांग कमजोर बनी हुई है। हालांकि, कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। वर्तमान में एसक्यू क्वालिटी की उड़द ₹77-₹77.25 प्रति किलो पर बिक रही है, जिसमें ₹2 प्रति किलो की तेजी की गुंजाइश है। निम्न क्वालिटी का माल मंडियों में कम उपलब्ध है, और उसके भाव ₹69.50-₹69.60 प्रति किलो पर पहले से नीचे आ गए हैं। इसलिए सावधानी से सीमित लाभ के लिए व्यापार करना उचित रहेगा। मूंग इस सप्ताह मूंग के भाव ₹400 प्रति क्विंटल तक गिर गए हैं, जिसका कारण दाल मिलों की कमजोर खरीद है। उत्पादक क्षेत्रों से नई, हल्की क्वालिटी की मूंग की लगातार आवक हो रही है, जिससे बाजार पर दबाव बना है। खरीदार केवल आवश्यकता अनुसार ही खरीदारी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में नई मूंग ₹6300-₹6600 प्रति क्विंटल पर बिक रही है, जिससे हाजिर भाव ₹6500-₹6800 प्रति क्विंटल तक आ गए हैं यह ₹400-₹500 की गिरावट है। जून-जुलाई में बिहार और झारखंड से भी मूंग की आवक शुरू हो जाएगी, जिससे दाल मिलों की खरीदारी और भी सीमित हो सकती है। तुअर गुलबर्गा और अकोला लाइनों से तुअर की आपूर्ति में अब कमी आने लगी है। दाल मिलों की मांग में सुधार से लेमन तुअर ₹66 प्रति किलो पर आ गई है। अकोला लाइन के तुअर की तुलना में लेमन तुअर सस्ती होने के कारण दाल मिलें अब इसकी ओर रुख कर रही हैं। वहीं, पलामू, डाल्टनगंज, गया और नगर उटारी जैसे क्षेत्रों में तुअर की मंडियों में आवक नहीं बढ़ पा रही है, हालांकि किसानों के पास घरों में स्टॉक मौजूद है। अधिकतर आवक पटना और मुजफ्फरपुर लाइन में जा रही है, जिससे स्थानीय मंडियों में आपूर्ति तंग बनी हुई है।