गेहूं में मंदी नहीं, OMSS के तहत फिलहाल नहीं बिकेगा सरकारी गेहूं
गेहूं की कीमतों में हाल के सप्ताहों में स्थिरता देखने को मिली है और बाजार में पर्याप्त आपूर्ति बनी हुई है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने फिलहाल खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत सरकारी गेहूं की बिक्री रोक दी है। केन्द्रीय खाद्य सचिव के अनुसार, अभी गेहूं की कीमतों में किसी विशेष मंदी की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि बीते एक महीने में गेहूं की कीमतों में हल्की तेजी देखने को मिली थी। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सरकार ने OMSS के तहत अब तक 30 लाख टन गेहूं की बिक्री की थी। इससे पहले 2023-24 में यह आंकड़ा 101 लाख टन तक पहुंचा था। हालांकि व्यापारिक हलकों का मानना है कि बाजार में स्थिर आपूर्ति बनाए रखने के लिए सरकारी गेहूं की बिक्री जारी रखना ज़रूरी है। लेकिन फिलहाल, सरकार ने कीमतों में स्थिरता को देखते हुए बिक्री को रोका है। OMSS के तहत चावल की बिक्री जारी रहेगी केन्द्रीय खाद्य सचिव ने जानकारी दी है कि सरकारी चावल की बिक्री OMSS के अंतर्गत इस वर्ष भी जारी रहेगी, और लगभग 50 लाख टन चावल खुले बाजार में बेचा जाएगा। सरकार इस चावल में टूटा चावल (Broken Rice) की मात्रा जो पहले 25% थी, उसे घटाकर 10% करने की योजना बना रही है, ताकि गुणवत्ता बेहतर हो सके। अभी यह चावल मुख्यतः डिस्टलरियों को दिया जा रहा है, लेकिन जल्द ही इसे नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से निजी व्यापारियों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। रूस ने हटाई अनाज निर्यात ड्यूटी, आयात होगा सस्ता रूस ने 31 अगस्त तक के लिए निर्यात शुल्क (Export Duty) को अस्थायी रूप से हटा दिया है। इसका सीधा असर जौ (Barley) और मक्का (Maize) जैसे अनाजों पर पड़ेगा, क्योंकि इनका आयात अब पहले की तुलना में सस्ता होगा। इससे घरेलू बाजारों में इन अनाजों की उपलब्धता बढ़ सकती है और कीमतों में राहत मिलने की संभावना है।