धान-चावल बाजार : कम आवक और सीमित मांग से भाव ज्यादातर स्थिर, कहीं-कहीं गिरावट या हल्की तेजी

खरीफ सीजन में इस बार अच्छी बारिश के चलते धान की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है, लेकिन अभी मंडियों में धान की आवक बहुत कम है। आम धान लगभग नहीं आ रहा, जबकि अच्छी क्वालिटी के बासमती धान की सप्लाई भी कम है। 19 से 25 जुलाई के बीच नरेला मंडी में रोज औसतन 1500-2500 बोरी धान आया, मगर 24 जुलाई को यह अचानक बढ़कर 7000 बोरी हो गया। भाव लगभग स्थिर रहे, लेकिन 1718 धान का रेट 35 रुपए घटकर 37.50 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। दिल्ली के नया बाजार में खरीदारों की कमी के कारण 1121 स्टीम, सेला और 1401 सेला चावल के दाम 100-100 रुपए प्रति क्विंटल गिर गए। राजिम और भाटापाड़ा मंडियों में रोज 5-6 हजार बोरी धान आ रहा है। राजिम में "महामाया" धान का रेट 230 रुपए बढ़कर 2950 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया। वहीं भाटापाड़ा में भी अच्छी आवक रही। बूंदी मंडी में रोज 1000-2000 बोरी धान आया और वहां भाव 100 रुपए बढ़े। कोटा मंडी में केवल 500 बोरी धान आया और वहां रेट 100-200 रुपए प्रति क्विंटल गिर गए। छत्तीसगढ़ की भाटापाड़ा मंडी में एचएमटी चावल की मांग कम होने से भाव 200 रुपए घटकर 5200 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। पंजाब की अमृतसर मंडी में भी चावल की कीमतें 100 से 300 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर गईं क्योंकि घरेलू और विदेशी मांग दोनों कमजोर रही। उत्तराखंड की नगर मंडी में पिछले हफ्ते अच्छी तेजी थी, इस बार सिर्फ 50-100 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़त दिखी। राजस्थान की बूंदी मंडी में भी चावल के दाम थोड़ा सुधरे। फिलहाल धान की आवक कम है और मांग भी सीमित है, जिससे बाजार में ज्यादातर जगहों पर भाव स्थिर हैं या गिरावट का रुख है। कुछ मंडियों में मामूली तेजी भी दिखी है।

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