हल्दी की कीमतों में तेजी: स्टॉक की कमी और मजबूत मांग से बाजार गरमाए
कीमतों में वृद्धि: हल्दी की कीमतों में इस सप्ताह तेजी देखने को मिली है। उत्पादक केन्द्रों पर स्टॉक की कमी के कारण बाजार में तेजी का रुझान बना हुआ है। वायदा और हाजिर दोनों बाजारों में कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। दिसंबर वायदा 14,252 रुपये से शुरू होकर सप्ताह के अंत में 15,520 रुपये पर बंद हुआ। इसी प्रकार, अप्रैल वायदा 14,726 रुपये से बढ़कर 16,360 रुपये पर बंद हुआ। कम आवक: उत्पादक केन्द्रों पर स्टॉक कम होने के कारण मंडियों में हल्दी की आवक भी घट गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मराठवाड़ा की मंडियों में आवक 6,000-7,000 बोरी के बीच रही है, जबकि निजामाबाद में 700-1,000 बोरी की आवक हो रही है। इरोड में 2,000-2,500 बोरी की आवक हो रही है, और वारंगल एवं दुग्गीराला जैसी मंडियों में आवक केवल 300-400 बोरी तक सीमित है। उत्पादन का अनुमान: इस वर्ष हल्दी की बिजाई में वृद्धि होने के कारण देश में हल्दी उत्पादन में बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि, बढ़ी हुई बिजाई के बावजूद उत्पादन में उतनी वृद्धि नहीं हो सकेगी। कुछ क्षेत्रों से फसल को नुकसान होने की भी खबरें हैं। अनुमान के अनुसार, 2024 में देश में हल्दी का उत्पादन 50-55 लाख बोरी था, और 2025 में यह बढ़कर 60-65 लाख बोरी तक पहुंचने का अनुमान है। 2026 में हल्दी का उत्पादन 70-75 लाख बोरी तक हो सकता है। स्टॉक की स्थिति: विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष उत्पादक केन्द्रों पर हल्दी का स्टॉक पिछले साल के मुकाबले कम रहेगा। पिछले साल नई फसल के आने के समय उत्पादक केन्द्रों पर हल्दी का स्टॉक 18-20 लाख बोरी था, जबकि इस साल यह 10-12 लाख बोरी तक रह जाने की संभावना है। कीमतों में और वृद्धि की संभावना: अभी हल्दी की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। स्टॉक की कमी के कारण मंडियों में आवक कम हो रही है। इसके अलावा, नई फसल की आवक जनवरी में शुरू होने की संभावना है, लेकिन सूखा माल फरवरी में आएगा। तब तक पुराने स्टॉक की मांग बनी रहेगी। उत्पादक केन्द्रों से आ रही मजबूत खबरों और लोकल सप्लाई की कमी के कारण दिल्ली बाजार में हल्दी सिंगल पॉलिश गड्डे का भाव ₹146-148 प्रति किलो से बढ़कर ₹150-152 प्रति किलो तक हो गया है। उत्पादक केन्द्रों की मंडियों में भी हल्दी के भाव ₹5-6 प्रति क्विंटल बढ़े हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कीमतों में यह वृद्धि जारी रह सकती है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली बाजार में हल्दी का भाव जल्द ही ₹160 प्रति किलो तक पहुंच सकता है। सितंबर में दिल्ली बाजार में हल्दी ₹126-128 प्रति किलो के बीच बिक रही थी, जो अक्टूबर में बढ़कर ₹140-142 प्रति किलो हो गई। नवम्बर में भाव ₹148-150 प्रति किलो तक पहुंचे, लेकिन मुनाफावसूली बिकवाली के कारण कीमतों में थोड़ी गिरावट आई और नवंबर के दूसरे पखवाड़े में भाव ₹143-144 प्रति किलो तक गिर गए थे, लेकिन अब वे फिर से ₹150-152 प्रति किलो के बीच हैं। निर्यात की स्थिति: वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में हल्दी के निर्यात में मात्रात्मक रूप से 4% की वृद्धि हुई है, लेकिन कीमतों में कमी आने के कारण निर्यात से प्राप्त आय में 4% की गिरावट आई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान हल्दी का निर्यात 96,680 टन रहा, जिससे ₹1,476.11 करोड़ की आय हुई। जबकि अप्रैल-सितंबर 2024 में हल्दी का निर्यात 92,942 टन था और उससे प्राप्त आय ₹1,531.04 करोड़ थी। वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान कुल हल्दी निर्यात 1,76,325 टन रहा।