दिसंबर मक्का बाज़ार परिदृश्य: अच्छी क्वालिटी पर प्रीमियम, गीले माल पर दबाव

दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में मक्का बाज़ार में क्वालिटी के आधार पर साफ़ बंटवारा देखने को मिल रहा है। औसत और अधिक नमी वाले मक्का पर दबाव बना हुआ है, जबकि सूखा और प्लांट-ग्रेड मक्का ऊँचे प्रीमियम पर बिक रहा है। मंडियों और प्रोसेसिंग सेंटर्स के भाव यह साफ़ संकेत दे रहे हैं कि अब बाज़ार सिर्फ आवक पर निर्भर नहीं है, बल्कि क्वालिटी और औद्योगिक मांग ही मुख्य मूल्य निर्धारक बन चुकी है। मध्य भारत: मध्य प्रदेश खरगोन मंडी में लगभग 300 वाहनों की अच्छी आवक के बावजूद क्वालिटी के अनुसार भावों में बड़ा अंतर देखने को मिला: औसत क्वालिटी मक्का: ₹1,400-1,475 प्रति क्विंटल सूखा मक्का: ₹1,800-1,810 प्रति क्विंटल यह बड़ा अंतर खराब क्वालिटी के माल से जुड़े बढ़ते जोखिम को दर्शाता है, जबकि सूखे मक्का की मांग आक्रामक बनी हुई है। रतलाम में भाव लगभग ₹50 टूटकर ₹1,651-1,901 के दायरे में आ गए, वहीं देवास और खंडवा में ₹40-50 की तेजी रही और ऊपरी स्तर मज़बूत बने रहे। यह अंतर भी क्वालिटी आधारित कारोबार को रेखांकित करता है। महाराष्ट्र मिरज (सह्याद्री स्टार्च) में भाव ₹225 गिरकर लगभग ₹1,900 पर आ गए। यह हालिया तेज़ी के बाद तकनीकी करेक्शन माना जा रहा है, न कि मांग में कमजोरी। अन्य प्रमुख केंद्रों पर प्लांट डिमांड के चलते बाज़ार मज़बूत रहा: सांगली: ₹2,125 सिन्नर: ₹1,950 (+₹25) भांबरदे: ₹1,970 (+₹10) जालना और अकोट जैसी मंडियों में भावों का दायरा काफ़ी चौड़ा रहा, जो बेहतर क्वालिटी के माल को मिल रही प्राथमिकता को दर्शाता है। पूर्वी भारत पूर्वी भारत के बाज़ारों में मज़बूत अंतर्निहित रुझान बना हुआ है। पूर्णिया गुलाबबाग मंडी में: ग्रेड-1 मक्का: ₹2,18-2,200 सुपर बीडी: ₹2,150-2,180 फ्रेश बीडी: ₹2,060-2,130 इस क्षेत्र में कोई ख़ास मंदी का संकेत नहीं है। ऊँचे भावों पर स्थिरता मजबूत मांग और बाज़ार के भरोसे को दर्शाती है। गुजरात और सौराष्ट्र गुजरात में फीड और औद्योगिक मांग के कारण भाव अच्छी तरह सपोर्टेड हैं: गोंडल: ₹1,755 (+₹50) झगड़िया: ₹1,980 (+₹30) प्रमुख मौलिक सहारा: एथेनॉल सेक्टर मक्का बाज़ार के लिए सबसे बड़ा दीर्घकालिक सकारात्मक संकेत एथेनॉल उद्योग से मिल रहा है: अनाज आधारित डिस्टिलरी क्षमता बढ़कर लगभग 100 बिलियन लीटर वार्षिक तक पहुँच गई है। हालांकि, एथेनॉल ब्लेंडिंग फिलहाल लगभग 20% पर सीमित है। यदि सरकार ब्लेंडिंग लक्ष्य तेज़ करती है, फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों को बढ़ावा देती है और एथेनॉल इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करती है, तो मक्का की मांग में संरचनात्मक वृद्धि हो सकती है। इसी उम्मीद के चलते ऊँचे भावों के बावजूद प्लांट डिमांड मज़बूत बनी हुई है। बाज़ार आउटलुक कम क्वालिटी और अधिक नमी वाला मक्का: ₹50-100 तक और गिरावट संभव। अच्छी क्वालिटी, सूखा और प्लांट-ग्रेड मक्का: नीचे की ओर जोखिम सीमित। ₹1,700-1,750 के आसपास एक मज़बूत सपोर्ट ज़ोन बनता दिख रहा है। यदि मौजूदा मांग बनी रहती है, तो आने वाले हफ्तों में ₹1,900-2,100 के स्तर का दोबारा परीक्षण संभव है।

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