इंडोनेशिया के चावल आयात प्रतिबंध से वैश्विक कीमतों में गिरावट, घरेलू आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
इंडोनेशिया के खाद्य मामलों के समन्वय मंत्री जुल्किफली हसन ने कहा है कि इंडोनेशिया द्वारा चावल के आयात पर लगाए गए प्रतिबंध का असर केवल घरेलू बाजार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इससे वैश्विक चावल कीमतों में भी स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि जब वे पहले व्यापार मंत्री थे, उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमतें लगभग 650 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई थीं। हालांकि, आयात प्रतिबंध लागू होने के बाद ये कीमतें घटकर 400 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से नीचे आ गईं। मंत्री के अनुसार, इंडोनेशिया पहले दुनिया के सबसे बड़े चावल आयातकों में शामिल था, लेकिन राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांटो की सरकार के तहत नीति में बदलाव करते हुए घरेलू उत्पादन को प्राथमिकता दी गई है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल इंडोनेशिया ने लगभग 4.5 मिलियन टन चावल का आयात किया था, जबकि 2025 में देश में करीब 4.7 मिलियन टन चावल का अधिशेष दर्ज किया गया है। सरकारी लॉजिस्टिक्स एजेंसी बुलोग के पास फिलहाल लगभग 3.7 मिलियन टन चावल का भंडार मौजूद है, जो मजबूत आपूर्ति स्थिति को दर्शाता है। मंत्रालय के आंकड़े यह भी बताते हैं कि इस वर्ष राष्ट्रीय चावल उत्पादन बढ़कर 34.77 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.54 प्रतिशत अधिक है। हसन ने इस वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से नीतिगत सुधारों और नियमों के सरलीकरण को दिया, जिससे उत्पादन क्षमता में सीधा इजाफा हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि मौजूदा रुझानों को देखते हुए इंडोनेशिया 2026 की शुरुआत तक चावल के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सकता है। यह बदलाव न केवल देश के लिए बल्कि वैश्विक चावल बाजार के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।